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क्या आप गलत क्युरिंग (तराई) के कारण अपने घर की दीवारों में दरारों को आमंत्रित कर रहे हैं?

कोई भी अपने एकदम नए बने घर में दरारें नहीं देखना चाहता। फ्रैक्चर आमतौर पर कंक्रीट में सेट होने के बाद विकसित होने लगते हैं। हालांकि, क्या आप जानते हैं कि कंक्रीट क्युरिंग (तराई) से आपको दरारों के बनने से बचने में मदद मिल सकती है? आइए देखें कि क्युरिंग (तराई) क्या है और दरारों को रोकने के लिए आप इसका उपयोग कैसे कर सकते हैं

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Step No. 1

कब शुरू करें?

जैसे ही कंक्रीट की सतह इतनी ठोस हो जाए, कि आप इस पर चल सकें, तो, आपको तराई शुरू कर देनी चाहिए।

Step No.2

तराई (CURING) क्या है?

कंक्रीट डालने के बाद एक निश्चित अवधि के लिए कंक्रीट में नमी बनाए रखने की प्रक्रिया को तराई (CURING) कहते हैं।

Step No.3

पॉन्डिंग द्वारा स्लैब की तराई

15 मिमी ऊंचे-ऊंचे सीमाओं के छोटे-छोटे खंड बनाएं और उनमें पानी भरें। कंक्रीट द्वारा पानी को सोख लिए जाने पर, इन खंडों में फिर से पानी भरें।

Step No.4

प्लास्टर और ईंट की दीवारों पर पानी का छिड़काव

कंक्रीट को एकदम ठीक बनाए रखने के लिए इनमें नमी होना जरूरी है, और इसलिए नियमित अंतराल पर दीवारों पर पानी छिड़कें।

Step No.5

यह कैसे मदद करती है?

तराई कंक्रीट की मजबूती और स्थायित्व में सुधार लाती है।

Step No.6

प्लास्टर और ईंट की दीवारों पर पानी का छिड़काव

कंक्रीट को एकदम ठीक बनाए रखने के लिए इनमें नमी होना जरूरी है, और इसलिए नियमित अंतराल पर दीवारों पर पानी छिड़कें।

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आपके घर के निर्माण के दौरान आपके घर में दरारों से बचने के लिए ये कुछ उपाय थे। ऐसे और सुझावों के लिए www.ultratechcement.com पर जाएं।


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